किराये पर मकान देने की सोच रहे हैं?? ये पढेंगे तो सोचने पर मजबूर हो जायेंगे।

मकान में निवेश सबसे अच्छे निवेश में से माना जाता रहा है। खैर अभी हालात थोड़े खराब है पर फिर भी थोड़ा पैसा इकट्ठा होते ही हर कोई मकान खरीदने की सोचने लगता हैं और अगर एक बन जाए तो फिर दूसरा ताकि किराये पर देकर कमाई की जा सके पर अच्छा किरायदार मिलना भी किस्मत की बात है क्योंकि कई बार अगर कोई बुरा किरायेदार गले पड़ जाए तो फिर घर से निकालना मुश्किल हो जाता हैं। ऐसा ही कुछ हुआ मुंबई मे जहां पर एक मकान मालिक को अपने किरायेदार को निकालने मे 48 साल लग गए।

सुनने में अजीब लगता हैं ना पर हैं एक दम सच। हुआ ये की नवीन चंद्र नानजी ने 1967 में मुंबई मे जीवराज भानजी को अपना एक कमरे का फ्लैट किराये पर दे दिया। 2 साल बाद जब फ्लैट खाली करने को कहा तो किरायेदार ने साफ मना कर दिया।अब मकान मालिक बदमाश इंसान होते तो मार पीट करके भगा देते पर शरीफ आदमी के पास अदालत के पास जाने के अलावा कोई और उम्मीद ही नहीं होती तो नानजी ने किरायेदार पर मुक़द्दमा कर दिया। इसी बीच किरायेदार ने फ्लैट को एक कैंटीन बना दिया पर अदालत मे पेशी पेशी पर होती रही।

1969 में मुक़द्दमा दायर हुआ और साल 1984 में जाकर कोर्ट का मकान खाली करने का आदेश भी आ गया पर उसके बाद दूसरी कोर्ट ने फैसला पलट दिया। इस बीच नानजी की मृत्यु हो गयी और उनके बेटे हाई कोर्ट चले गए जिसमे अब जाकर कोर्ट ने फैसला उनके हक में दिया हैं और मकान खाली करने का आदेश दे दिया हैं।

ये खबर पढ़कर आप भी एक बार सोचने को मजबूर हो गए होंगे की अगर आपके साथ ऐसा हुआ तो क्या करेंगे।

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