विराट और रवि शास्त्री की वो बातचीत जो भले ही सच न हो पर झूठ भी नहीं लगती

भारतीय क्रिकेट टीम के साउथ अफ्रीका जाने से पहले

विराट कोहली (रवि शास्त्री से): सर पहले टेस्ट मैच से पहले हम एक प्रैक्टिस मैच रखवा लें? काफी मदद मिल सकती हैं उससे.

रवि शास्त्री: तुम एक महान खिलाडी हो विराट. तुमसे अच्छा कोई नही हैं दुनियां में. तुम्हे प्रैक्टिस की क्या जरूरत. आओ चलो क्लब घूमने चलते हैं.

कोहली: थैंक यू सर. मैं फिर मना कर देता हूँ.

भारतीय टीम पहला मैच हार जाती हैं.

कोहली: रवि सर. पहला मैच हार गए. दुसरे मैच के लिए मैं सोच रहा हूँ कि धवन की जगह राहुल और भुवनेश्वर की जगह इशांत को ले लेता हूँ. रोहित को अभी और मौका देते हैं. आप बताइए क्या सोचते हैं इस बारे में.

शास्त्री: तुम एक महान कप्तान हो विराट. तुमसे बेहतर इस दुनियां में कोई नहीं हैं. एक ही मैच तो था. जैसा ठीक लगे कर लो. आओ चलो शौपिंग पर चलते हैं.

कोहली: थैंक यू सर. फिर मैं ऐसा ही करता हूँ.

भारतीय टीम दूसरा मैच भी हार जाती हैं.

कोहली: रवि सर हम मैच और सीरीज दोनों हार गए. हर कोई मुझे टीम के चयन पर सुना रहा हैं. अब तीसरे मैच मे क्या करूं. धवन, राहुल, रहाने, रोहित, इशांत, शामी, भुवनेश्वर, उमेश किसको खिलायें. कुछ समझ नही आ रहा. कुछ तो बोलिए.

शास्त्री: तुम लाजवाब खिलाडी हो विराट. देखो अभी तुम्हे सर्वश्रेष्ठ खिलाडी और कप्तान का इनाम भी मिला हैं. आओ चलो चिड़ियाघर घूमने चलते हैं और सेलिब्रेट करते हैं.

कोहली: थैंक यू सर. पर मेरी कुछ तो मदद कीजिये. इस तरह तो हम सारे मैच हार जायेंगे.

शास्त्री: देखो विराट. मुझे तो बस तुम्हारी तारीफ करना ही आता हैं. अगर ऐसे उलटे सीधे सवालों के जवाब चाहिए थे तो कुंबले को कोच बनाए रखना था..मुझे क्यों कोच बनाया?

और इस गहन मंत्रणा के बाद टीम चिड़ियाघर की सैर पर निकल गयी. तीसरे मैच का नतीजा भी अगले एक हफ्ते में आ ही जाएगा.

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