गुफा वाले पिता जी की जेल यात्रा
|दोनों की उम्र 50 साल से ऊपर है। दोनों की फिल्में महा झिलाऊ होती है पर फिर भी सैकड़ों करोड़ों कमाती हैं क्योंकि दोनों के लाखों “पंखें” उनके दीवाने है। दोनो अपने आपको बड़ा समाजसेवक दिखाते हैं। उनके अनुयायी उन्हें क्रमशः “भाई” और “पिताजी” बोलते है और सबसे बड़ी बात दोनों के ऊपर 2002 से हत्या के मुकद्दमें चल रहे थे। भाई तो पिछले साल ही उच्चतम न्यायालय के अभूतपूर्व सहयोग से अपनी इज़्ज़त लेकर निकल लिए थे पर पिताजी का पेंच अभी निचली अदालत में ही फसा हुआ था।
पिछले 2 दिनों से गुरमीत राम रहीम इंसा सब समाचार चैनलों पर छाए हुए थे। उनके मुकद्दमे का फैसला आना था और उनके चेले शहर में तंबू गाड़कर बैठ गए थे। कहने को तो शहर में “धारा” 144 लागू थी पर असल मे लोगों की “बाढ़” आई हुई थी। नेताजी से पूछा गया कि माननीय ये कैसी विचित्र धारा लगी हुई हैं जो शहर में लाखों लोग घुसा दिए गए है तो उन्होंने कहा “भक्त लोग हैं, दर्शन करने आएं हैं और कुछ नही। हमने तो रेल, बस सब बंद कर दी थी। देश का करोड़ों का नुकसान भी करा दिया पर ये फिर भी आ गए तो क्या करें। वैसे इन सबने भारी मात्रा में वोट देकर हरियाणा में पहली बार हमें जिताया हैं तो जब ये हमारे शहर आये है तो हम इनका पूरा ख्याल रखेंगे।”
अगर सिर्फ दर्शन करने आये है तो पेट्रोल, मिट्टी का तेल और पत्थर क्यों जमा किये हुए हैं। अब पाषाण युग तो है नही की मिट्टी के तेल पर खाना पकाएंगे और पत्थर रगड़ कर आग जलाएंगे। खैर भक्त लोगों से ही पूछा गया तो उन्होंने सीधा धड़कन के सुनील शेट्टी स्टाइल में बोला कि बाबा को सज़ा हुई तो दुनियां जला देंगे। जब उन्हें कहा गया कि थोड़ा सब्र भी तो रख सकते हो। जब “भाई” को सज़ा हुई थी तब कुछ ही मिनटों में ज़मानत मिल गयी थी और आज देखों आज़ाद घूम रहे हैं जैसे कभी कोई मरा ही नही था। कानून पर न सही, पैसे पर ही विश्वास रख लो। इस पर जो जवाब आया वो ज्ञानचक्षु खोलने वाला था। भक्त बोलें, “साहब वो सिर्फ जान लेने का मामला था। इंसान की जान की इस देश मे कोई कद्र ही नही। 2 खून का केस तो गुरुजी पर भी चल रहा है। दिक्कत हैं रेप केस की। उससे बचना बहुत मुश्किल होता है। इसमें गुरुजी के आसाराम की तरह नप जाने के पूरे आसार हैं इसलिए हम जमा हुए हैं।”
खैर लगता है बाबाजी को भी चीन की तरह भारत के नागरिकों की कार्यकुशलता पर कोई भरोसा नही था इसलिए पेशी के लिए अपने साथ सैकड़ों गाड़ियों में भरकर प्रशिक्षित गुंडे..सॉरी..विश्वसनीय भक्त ले आये और सरकार बस फ़ूल माला लेकर उनका स्वागत करती रही। जिस मामले का फैसला 2007 में ही हो जाना चाहिए था वो आखिरकार आ ही गया और बाबाजी को बलात्कार का दोषी करार दे दिया गया। सभी समाचार चैनल सांस थामे भक्तों की तोड़फोड़ का इंतज़ार कर रहे थे पर ये क्या, कुछ हुआ ही नही। न्यूज़ एंकर मायूस सी आवाज़ में बोला, बाबा का तो सबको पता ही था पर हैरानी की बात तो ये हैं कि कोई कुछ कर ही नही रहा। अब क्या करें। कोई और रिपोर्ट दिखाने को है नही। अगर कुछ न हुआ तो क्या पूरे दिन गणेश पंडाल कवर करेंगे। एक एंकर ने संवाददाता को बोला, “भाई धीरज, ज़रा इन लोगो से पूछो की जब कुछ करना नही था तो ये सब बंदोबस्त क्यों किया। एक्सपेक्टशन्स इतनी हाई क्यों कि हम लोगों की। कुछ तो अपने उसूलों पर कायम रहे।”
तभी खबर आई कि भक्तों पर पुलिस का लाठी चार्ज हुआ है, एंकर की आवाज़ में जोश आना शुरू हो गया। जवाब में पत्थरबाज़ी भी हो रही है, गाड़ियों में आग लगा दी गयी है, कही रेलवे स्टेशन तो कही पावर हाउस जलने की खबर। एंकर की आवाज में ऐसी छुपी हुई खुशी महसूस हुई जैसे उसको Jaypee builders में बुक किया फ्लैट मिल गया हो। जो सिलसिला शुरू हुआ तो कल से अब तक 32 से ऊपर की जान जा चुकी हैं, सैकड़ों घायल हैं, करोड़ों का नुक़सान हो चुका हैं, जनता बस अड्डों और रेलवे स्टेशन्स पर फंसी हुई है, मंत्री जी हमेशा की तरह शांति की अपील वाला टाइम पास कर रहे हैं, समाचार चैनलों की TRP ने एकता कपूर को भी पीछे छोड़ दिया हैं और अभी तो सोमवार को सज़ा का एलान होना बाकी हैं। कहने को बाबाजी अपने भक्तों का सरनेम बदलकर “इंसां” रखवा देते हैं पर जो हो रहा हैं उसमें इंसानियत तो दूर दूर तक है ही नही, कश्मीरियत भी बहुत पीछे रह गयी है।
हमारे देश मे और चीजों की भले ही भयंकर कमी हो, अव्वल दर्जे के खाली दिमाग लोग खतरे के स्तर से कही ज्यादा पाए जाते है जिन्हें भारी जेब वाले लोग कभी भी कही भी बहला फुसला कर मरने मारने को छोड़ सकते हैं। प्रधानमंत्री भारत की जनसंख्या के फायदे दुनियां भर में चाहे जितना ही गिना लें शास्वत सत्य यही हैं कि ऐसी अनियंत्रित जनसंख्या पहले भी सिर्फ और सिर्फ नेता, अपराधियों और बाबाओं के काम आती रही हैं और आगे भी बस उन्हीं के काम आने लायक है।
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